Tuesday, June 16, 2009

सारस्वत जगत २३ वें वर्ष में प्रवेश


सारस्वत बन्धुओं के कर कमलों में समर्पित २३ वें वर्ष के प्रवेषाँक पर ÷÷सारस्वत जगत'' गर्व के साथ कह सकता है कि सारस्वतों के दिलों में पहला स्थान हमारा है। यकीनन सामाजिक परिवेश में समाज के प्रत्येक परिवार के दिल में स्थान बनाना कोई आसान कार्य नहीं होता, अपनी सार्थकता एवं उपादेयता के साथ समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जरूरत बन जाने को सही मायने में स्नेह का कीर्तिमान बनाने का इतिहास कायम किया है सारस्वत जगत ने। हमने सारस्वत जगत को कभी व्यवसायिक एवं अर्थ लाभ का साधन नहीं बनाया। सारस्वत जगत की नियमित्तता को बरकरार रखने के लिए समाज से वचनबद्धता निभाते हुए ही आज सारस्वत जन-जन के हर दिल में स्थान बना पाये हैं। सारस्वत जगत ने अपनी निष्ठा को सारस्वत समाज की सेवा के ओतप्रोत रखा है, सारस्वत जगत के प्रत्येक कदम से यह परिलक्षित होता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक बसे सारस्वतों की कड़ी को जोड़ने का प्रयास सारस्वत जगत की विशेषता रही है। सारस्वत पाठकों के दिलों में पहला स्थान हमारा है, यह कथन बिना किसी प्रमाण के कहना आसान नहीं होता, सारस्वत जगत ने सदैव सारस्वतों की पसन्द के अनुरूप अपने आपको व्यवस्थित रखकर यह स्थापित किया है कि समस्त भारत के सारस्वत ब्राह्मणों की हिन्दी भाषा में प्रकाशित होने वाली एक मात्र मासिक पत्रिका है, जिसके एक लाख से अधिक पाठक है। हालांकि यह बात भी सत्य है कि जो सारस्वत बन्धु सारस्वत जगत नहीं पढ़ते हैं तो भी वे इस पत्रिका की जानकारी अवश्य रखते हैं। सारस्वत जगत के अंकों में पाठकों के समक्ष पेश प्रकाशित समाज की महत्त्वपूर्ण जानकारियों के अलावा विशेषाँकों की विशेष पठनीय सामग्री सदैव सराही गई। सारस्वत जगत का सदैव प्रयास रहा है कि पाठकों को क्या व किस तरह चाहिए, पाठक को प्रमुख आधार माना है।
 सारस्वत जगत यह स्पष्ट करता है कि सारस्वतों के विचारों में भले ही विविधता हो लेकिन हम विविधतापूर्ण विचारों का सम्मान करते हैं, इससे भी सर्वोच्च है सारस्वत जगत का लक्ष्य। हमारा मानना है कि सारस्वतों के स्नेह और सारस्वत जगत की नियमित्तता से ही अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जाए। सारस्वत जगत ने सारस्वत एकता तथा सारस्वतों के उत्थान को सर्वोपरि माना है, विश्वास रखा है। सारस्वत जगत ने यह सदैव सार्वजनिक किया है कि यह पत्रिका सारस्वत ब्राह्मणों के विचारों की अभिव्यक्ति का स्वस्थ मंच है, इसलिए हम प्रत्येक सारस्वत के योगदान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। समाज को संगठित, संस्कारित और शिक्षित करने के लिए हम और आप मिलकर ऐसा वातावरण तैयार करने का प्रयास करेंगे जिससे सारस्वतों को संगठित, संस्कारित और शिक्षा के प्रति जागरूक होने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिल सके। सारस्वतों को संगठित, संस्कारित और शिक्षा से ही नई पहचान मिलेगी। यह पहचान दिलाने का नया इतिहास भी सारस्वत बन्धुओं के सहयोग से सारस्वत जगत द्वारा ही रचा जाएगा, इसमें संदेह नहीं। सारस्वत बन्धुओं के मध्य एक विशेष सेतु का कार्य बिना किसी भेदभाव के सब पर समदृष्टि बनाए रखते हुए सारस्वतों के पथ को आलोकित करना ही हमारा ध्येय है। सारस्वत जगत ने न केवल पत्रिका होने का अपना कर्तव्य पूरा किया, बल्कि सारस्वतों का सच्चा साथी बन कर समय-समय पर अपनी प्रकाश की ज्योति से सारस्वत समाज ज्योतिर्मय किया है। हमारा कार्य है समाज की बात समाज तक पहुँचाना है। ÷÷सारस्वत जगत'' विचार-दोहन का कार्य कर रही है। कितना बखूबी वह अपना कर्त्तव्य निभा रही है, इसके निर्णायक आप हैं। जो आपका है वही आपको ही परोसते हैं। यह सभी ने सोचना है कि समाज को किस प्रकार दिशा दिखानी है। इसके लिए समवेत स्वरों से आह्वान करना होगा। हमने सदैव अपने सारस्वत समाज को ही सर्वोपरी समझा है। भविष्य में भी समझेंगे। सारस्वत बन्धुओं का हित ही हमारा हित रहा है, भविष्य में भी हमारे सारस्वत पाठक हमें समय-समय पर बहूमूल्य सुझाव देते रहेगें।
 सारस्वत जगत के नियमित प्रकाशन में हमें संरक्षक सदस्यों, विज्ञापनदाताओं, लेखकों, शुभचिन्तकों एवं सहयोगी प्रतिनिधियों ने जो सहयोग दिया वह भी सराहनीय है। भविष्य में इसी प्रकार के पूर्ण सहयोग सम्बन्धों की कामना करते हैं कि  सारस्वत जगत  नियमित प्रकाशित होकर सदैव आपकी चहेती होने का गौरव प्राप्त करती रहे। इन्हीं शुभकामनाओं के सहित आप सबका,
P.R. Ojha, 
Editor Saraswat Jagat


6 comments:

  1. I AM HARI PRAKASH SHARMA BELONG TO HANUMAN GARH TOWN WITH ROOTS
    IN PUNRASAR VILLAGE OF BIKANER DISTRICT.

    I BELONG TO A TRADITIONAL SARSWA FAMILY AND STRONGLY BELIEVE IN
    TRADITIONAL VALUES EVEN AT THE COST OF LIFE.

    I AM WORKING AS MANAGER FINANCE & CREDIT CONTROL IN HRA GROUP AND PRESENTLY LIVING IN FARIDABAD SINCE LAST 20YEARS.

    WE RAJASTHANI PEOPLE ARE EXCELLING IN EVERY FIELD EXCEPT EDUCATION.
    BESIDES OUR CONTRIBUTION TO THE COUNTRY IN BUSINESS AND DEFENCE
    FIELDS, WE MUST THINK SERIOUSLY TOWARDS ENHANCING THE LEVEL OF QUALITY
    AND BASIC PRIMARY EDUCATION, SO THAT NEXT GENERATION MUST NOT FACE THE
    DIFFICULTIES WHICH WE PEOPLE ARE FACING WHEN WE COME OUT OF THE REGION
    AND INTERACT WITH MASSES.

    --
    Thanks & Regards,
    H.P.Sharma

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  2. hello E mail khardabidani@gmail.com champalal saraswat kharda suganaram ji saraswat

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  3. I am agree with Mr.Sharma but do we think how can we do this? You can see Meena who are seen everwhere in railway so can you suggest how is it possible?

    I think that one can start from himself why not the capable person support their cousin or near and dear relative in terms study or getting a good job.
    I do believe that at least one or more than one is such capable like you in everyfamily who must try to support their cousin or relative for higher study without being selfish.
    When we think and decide to do something,ITs sure nothing is impossible.I request all the person in our community that Please start something to make our comming generation such capable where they can say proudly that they are mixture of modernity and root values.
    One more thing I request all the educated and finacialy capable person to comeforward and lead without expecting any name and fame.

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